शून्य अर्पण
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What is spirituality? |
हे कृष्ण
जब मैं शून्य बन जाऊँ
मुझे अपना लेना
खुद में मिला लेना
मेरे शून्य बन जाने के बाद
ये कहने के लिए भी
मुझमें मेरे विचार नहीं रहेंगे
समर्पण के भाव नहीं रहेंगे
शून्य को अर्पण कर सकूँ
वो चैतन्य नहीं रहेंगे
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आज मुझमें ये विचार बाकी है
अपराह्ण है उन्नति का शायद
पर वो साँझ बाकी है
कल शून्य समर्पित करने के लिए
मैं न रहूँ शायद
इसलिए आज ही वो भाव अर्पित है
मेरे शून्य होने के बाद
तुम ये याद रखना
मेरी ये ख्वाहिश बाकी है
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आज तुम इम्तिहान ले लो
मैं मन हूँ, मैं शरीर हूँ
तुम्हारी कृपा के लिए प्रार्थना कर लूँगी
इम्तिहान से तुम्हारे संग गुजर जाऊँगी
ये उम्मीद है मुझे
लेकिन शून्य तो गुम हो जाएगा
तुमसे कृपा की गुजारिश भी नहीं कर पायेगा
ऐसे में तुम हाथ थामे रखना
हमें घर पहुंचा देना
शून्य को महाशून्य में मिला देना
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