जब तुम कृष्ण बन जाते हो
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What is spirituality? |
मेरे मालिक
मैं शुरू तुमसे ही
तुम पर ही अंत हो जाती हूँ
मेरी प्रार्थना, पूजा, करम
सबमें प्यार खुद ही आ जाता है
मैं खुद भी
प्यार में रंग जाती हूँ
जब तुम कृष्ण बन जाते हो
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What is spirituality? |
मैं जो भी हूँ
वो तुमसे हूँ
शीतल मन
मेरा रूप रंग
गीतों के छंद
सब तुमसे ही आते हैं
तुम्हारे बिन एक अँधेरा आकाश है
मैं चाँद-सी रोशन बन जाती हूँ
जब तुम कृष्ण बन जाते हो
मुझसे प्यार छलकता है
कस्तूरी की खुशबू की तरह
चारों तरफ
सबके अंग लग जाता है
मैं तुम्हारा प्यार बाँट आती हूँ
कई मुस्कुराहटें करुणा की झोली में समेट आती
हूँ
पूर्ण समर्पित हृदय है मेरा
तुम्हारी बाँसुरी की धुन पर
अनन्त में कही खो जाती हूँ
जब तुम कृष्ण बन जाते हो
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उम्मीद है मुझे
तुम कहीं तो होगे
कभी तो मिलोगे
बहते हुए किसी दिन,तुम भी
सागर में जा मिलोगे
वहीं तुमसे आँख-मिचौली खेलूँ
यही मानकर
मैं भी बहती जा रही हूँ
ये ख्वाहिश मेरी छोटी-सी है
जमीं-आसमाँ भी मिल जाते हैं
जब तुम कृष्ण बन जाते हो।
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