उद्धार

What is spirituality? आज भी ढूँढती हूँ तुम्हें मंदिरों के कोने - कोने में दिन भर बस सुनती रही तुम्हारा नाम हूक - सी उठती रही , कहीं मेरे मन में हर शाम किया तुम्हारा इंतजार वही बेसब्री , वही प्यार कौन से बंधन में मैं जुड़ी हूँ क्यों रोती हूँ जार - जार ? हे श्याम ! अगर तुम आ भी जाओगे क्या माँगूँगी मैं तुमसे ? अगर वक्त का कोई टुकड़ा मेरी झोली में डाल भी दोगे दिल मेरा भर जायेगा क्या तुमसे ? पहर दो पहर मैं बहल जाऊँगी फिर वही विरह , वही अंतहीन इंतजार दिन रात तुम्हें ढूँढ़ती फिरूँगी ले तुम्हारा नाम बारम्बार मैं समझती हूँ घड़ी की सुइयों की चाल रिश्ता , समाज , धर्म का जाल वो शाम फिर नहीं आएगी तुम्हारी बंसी राधा नाम नहीं पुकारेगी फिर क्यों है इंतजार क्यों है , मुझे तुमसे प्यार ? बे - इन्तहा दर्द मेरे अन्दर भरा है क्या तुमको इसका एहसास भी , थोड़ा है ? स्नेह का बंधन है तुमसे या जुड़े हैं पीर के तार ? तुम जानते हो मेरे अन्दर , मैं नहीं हूँ देह मेरी , पल - पल ध्यान तुम हो हृदय मेरा , स्पंदन तुम हो एक...