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Showing posts from March, 2021

Seven Qualities of Spiritual People

The word spirituality is added in our frequently used vocabulary list. Many people claims to be spiritual.  People who are practicing yoga and spending some time in instructed meditation, they call themselves to be spiritual. There are so many teachers and preachers around, who calls themselves as elevated person. They might have read so many books on spirituality, might have build good vocabulary to explain a lot of factors associated with techniques and practices. In reality, it is not about talk at all. It is not at all about show off. And there are no said parameters by which one can judge others in this field. Only an elevated master can see from inner eyes and tell about the status of the disciple, but finding such master is a bit difficult. A real spiritual person looks like any ordinary man. He does not have need to decorate himself in any particular attire and to show some makeup to look spiritual. They used to live worldly life like any normal person but the same time the...

मेरे आसमान में

  मेरे आसमान में , जब से तुम चाँद बन के झिलमिलाने लगे हो   मैं उन्मुक्त दरिया बन बहने लगी हूँ   दूर कहीं धरा क्षितिज को मिलते देख   मैं भी आलिंगन के लिए तिरने लगी हूँ मुझमे गहराई भी है और मौजें भी   ध्यान में लीन चित्त की तरह सहेजी है अन्दर कहीं मैंने शांति भी और शीतलता भी   पारदर्शी बूँदों से बना है अंग मेरा तुम्हारी चाँदनी में मोती बन बिखरने लगी हूँ आँखें मेरी तुम पर टिकी हैं राहों के पहाड़ और जंगल दिखते नहीं मुझको   सबको लाँघती हुई , तुम तक आने को हूँ आतुर मौसम की भी परवाह नहीं है मुझको   मैं चंचल बाला-सी अल्हर बनने लगी हूँ मुझमें वेग भी है और आवेग भी मेरी काया निर्मल भी है और निरंतर भी   कण-कण में है निहित संगम की चाह ही   सागर के सीने पर तुम्हारा प्रतिबिम्ब जो जगमगाया   मैं समंदर में समाने लगी हूँ दूर नीले आसमान में अगर गले लगाओ मैं सूरज की अग्नि में तप कर   सफेद बादल बन तुम तक आ जाऊँ मेरी रफ्तार में तुम्हारा ही तो प्यार है   कभी मिलने की उम्मीद में , मैं जीने लगी हूँ | what is spirituality bene...

तुम्हारी कमी में

  अनायास ही कभी तुम बालकनी से झाँक लेते थे लेकिन  शहर बदला जबसे तुमने मैंने सँवरना कम कर दिया है मुहल्ले भर के बच्चों संग  बीच गली, लंगड़ी टांग खेलना अल्हरपन था  या तुम्हारा आने का इंतजार  पिंकी, मुन्नी तो आज भी बुलाती हैं लेकिन अब  मैंने चहकना कम कर दिया है   घूँघरू बाँध लेती थी पैरों में  घर वालों से छुप के  तुम्हारे गीतों के बोल पर अब तो ताल ही नहीं मिलते मैंने थिरकना कम कर दिया है   नींद आज भी नहीं आती है, मुझे जल्दी  खुद से बातें करते-करते  कभी-कभी  कागज के पन्ने रंग डालती हूँ  लबों से अब लफ्ज कम निकलते हैं मैंने बातें करना कम कर दिया है साँसे चलती तो हैं धड़कने भी  जिंदा होने का एहसास तो देती हैं   तुम्हारे बिना लेकिन शायद  मैंने जीना कम कर दिया है | what is spirituality benefits of spiritual practices why people do spiritual practices what are the benefits of spirituality main reason behind spirituality

तुम कौन हो ?

  कृष्ण तुम कौन हो  आसमान का चाँद?  जिसको मैं चकोर बन निहारती हूँ पूर्णिमा की रात को बाँहें फैलाये तुम तक आना चाहती हूँ दूरी कभी तय नहीं कर पाती हूँ सुबह प्राण निकल जाते हैं तुमसे प्यार बयाँ तक नहीं कर पाती हूँ तुम पारस के पत्थर हो क्या? छू कर सोना बना देते हो अपने रंग में रंगने का जादू करते हो दुनिया मुझे आभूषण बना कर सँवर जाती है हार की चमक पर इतराती है कभी तुम्हारे हृदय पर भी चमकूँ मेरी बाँहों का हार तुम्हारे गले हो ऐसी किस्मत मैं कहाँ पाती हूँ ! तुम दरिया हो क्या? आँचल में समेटती हूँ तुम्हें   दिल में छिपा लेना चाहती हूँ और बूँद-बूँद शब्द बन कर  आँचल से छन-छन कर कागज पर एहसास बन टपकने लगते हो ऊँगलियाँ तुम्हें छूने कागज को टटोलती है तुम्हारे किसी आकार को कहाँ महसूस कर पाती हूँ तुम दीप हो क्या? मेरी अँधेरे रास्तों में राह दिखाने के लिए चमकने लगते हो दुनियादारी की उलझनें कम हो जाती हैं तथा कथित मंजिल मिल जाती है तुम्हारी रोशनी में तुमको ढूँढती हूँ हर साए को पकड़ने की नाकाम कोशिश करती हूँ लेकिन खाली हाथ ही रह जाती हूँ तुम सच की तलाश हो या रूह की प्यास हो मुझ...

प्यार में रहने दो

टुटा सितारा था आसमाँ में कहीं   और माँगी थी मैंने दुआ  दूर समंदर से मिलना है कहीं मत रोको, मुझे बहने दो  रगों में बस गया है प्यार कहीं   यूँ ही मुझे रहने दो मीठे पानी के सोते जैसा सतत् ही इसे झरने दो सुबह के मधुर ख्वाब जैसा  इसे पलकों में रहने दो मत पूछो मैंने क्या खोया, क्या पाया  पास था ही क्या, खो जाने को  शहर ये धुप की है मुझे बाँहों की छाँव में रहने दो  सावन की बारिश में  इस कागज की कश्ती को गल जाने दो  वजूद मेरा तुममें समा जाये  यूँ ही बंदगी में रहने दो  मत रोको, मुझे इबादत करने से  यूँ ही डूबा रहने दो |   what is spirituality benefits of spiritual practices why people do spiritual practices what are the benefits of spirituality main reason behind spirituality

तुम्हारे रंग में

रंग गई आज फिर तेरे रंग में  पाँव हैं गगन में  संभाला है, तोहफा तुम्हारे एहसासों का  सदियों से मैंने मन में कितनी रातें बीत जाती हैं   यूँ ही, आज भी पलकों में  बात अभी भी वही है,उन झलकों में  छूता है जब प्यार तुम्हारा  पुरानी खिडकियों के झरोखों में तुम्हारी बाँहों के वो घेरे  मेरे मूँदती पलकों पर  गरम साँसों के सवेरे  कायनात ने बाँधे थे धागे  नजरों ने लिए जब फेरे शाम के सोने का पिघलना  तुम्हारी धड़कनों की संगीत की लय में  पागलों की तरह, तुम्हें खुदा बुलाना  तुम्हारे बिन कहीं-न-कहीं चाँद की चकोरी की तरह अधूरी मैं आज भी कहाँ रुक पाती हूँ  कभी जमीन,कभी दरिया,कभी चकोरी  कितने ही नाम और रूप ले  कागज के पन्नों पर, तुमसे आ मिलती हूँ | what is spirituality benefits of spiritual practices why people do spiritual practices what are the benefits of spirituality main reason behind spirituality

आध्यात्मिक लोगों की मुख्य सात विशेषताएँ

आज कल के समय में आध्यात्मिकता के बारे में खूब बातें होती है, एक तरीके से यह शब्द आम बोल चाल की शब्दावली में सम्मिलित हो गया है | बहुत सारे लोग स्वयं के आध्यात्मिक होने का दावा करते हैं | जो लोग शारीरिक व्यायाम योगाभ्यास करते हैं या कुछ समय किसी के कहने पर आँखें बंद कर ध्यान में बैठ जाते हैं या कुछ पुस्तकें पढ़ लेते हैं, वो लोग भी अपने आपको आध्यात्मिक मानते हैं | हमारे चारों तरफ बहुत सारे शिक्षक हैं, ज्ञान देने वाले विद्वान हैं जो अपने आपको उच्च स्तर पर मानते हैं | आध्यात्मिकता पर बहुत सारी किताबें पढ़ लेने से लोगों को प्रक्रियायों, शब्दों, नियमों का ज्ञान हो जाता है | कुछ विशेष साधनाएँ करने पर कुछ लोग सिद्धि भी प्राप्त कर लेते हैं, ऐसे सभी लोग आध्यात्मिक समझे जाते हैं | वास्तव में आध्यात्मिकता सिर्फ बातों के बारे में नहीं हैं | यह दिखावा भी नहीं होता है | और इसकी गहराई को नापने के लिए हमारे पास कोई पैमाना उपलब्ध नहीं है | हाँ, कोई विशिष्ट उच्च श्रेणी के अगर गुरु के सान्निध्य में जाएँ, तब उनसे कुछ छुपा नहीं रहता है | उनकी आंतरिक दृष्टि सब कुछ माप लेती है, लेकिन ऐसे गुरु का मिलना थोड़ा मुश्...

भक्ति राह

  ढूँढती रही मैं वो हर राह जो तुम तक जाती हो मीलों तय किया सफर झंझावातों में उलझे डगर इस शहर से उस शहर नीली शाम से सहर बुनती रही प्यार में डूबे गीत जो तुमको पिघलाती हो   सफेद रुई के फाहों जैसे बादलों के पहाड़ किसी ने यूँ ही कह दिया तुम मिलोगे उस पार अतिशय उत्कंठा की वजह से पंख उग आये मेरी बाजुओं पर नाप लिया आसमान सारा धरती पर पाँव रखकर तलाशती रही वो हर एक निशाँ जो तुम्हारा पता बताती हो   तरसती रही मंदिरों , दरगाहों पर सारे नियम निभाती रही जो तुमको रिझाती हो   हे ईश ! तुमसे प्रिय मुझे कोई और नहीं मेरे प्यार में कहीं भी मैं नहीं जीवन विहीन हूँ सीढ़ियों पर आज मेरे पैरों में ताकत नहीं तुमको भी हो प्यार अगर राह तुम बना लो जो मुझ तक आती हो अब तलक ढूँढ़ती रही मैं वो हर राह जो तुम तक जाती हो। what is spirituality benefits of spiritual practices why people do spiritual practices what are the benefits of spirituality main reason behind spirituality